प्रधानमंत्री को पद पर नियुक्त किए जाने के बाद, उन्हें एक आधिकारिक समारोह में सपथ लेना पड़ता है। यह समारोह राष्ट्रपति के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमंडल में होता है। इस समारोह में, प्रधानमंत्री निम्नलिखित शपथ लेते हैं:
“मैं सत्य को तथा संविधान के प्रावधानों का पालन करने का प्रतिज्ञान करता/करती हूँ और राष्ट्र के हित में ईमानदारी से और निष्ठा से कार्य करने की संकल्पना करता/करती हूँ।”
इसके बाद, प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति द्वारा आधिकारिक रूप से पद पर स्थानांतरित किया जाता है। यह समारोह राजपथ भवन में आयोजित किया जाता है, जो कि भारतीय राजनीति की महत्वपूर्ण स्थली है।
प्रधानमंत्री को हटाने की प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत कुछ निम्नलिखित दिशानिर्देशों के अनुसार होती है:
अविश्वास प्रस्ताव: यदि लोकसभा में किसी सदस्य द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है और यह प्रस्ताव बहुमत से स्वीकृत होता है, तो प्रधानमंत्री को हटाने का प्रस्ताव स्वीकृत होता है।
राष्ट्रपति की सलाह: राष्ट्रपति अधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री को हटाने के लिए राजनीतिक परिस्थितियों का आकलन करते हुए सलाह देते हैं।
प्रधानमंत्री का इस्तीफा: प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे का पत्र राष्ट्रपति को स्वीकार कराना पड़ता है।
निष्पक्षता: प्रधानमंत्री को हटाने की प्रक्रिया में संसद के सदस्यों को निष्पक्षता और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
यदि इन दिशानिर्देशों के अनुसार कोई प्रस्ताव पारित होता है, तो प्रधानमंत्री को हटाया जा सकता है और उसकी जगह एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल एक सरकारी संगठन होता है जो राष्ट्रीय सरकार के अधिकारी और मंत्रियों का समूह होता है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों के मंत्रियों को शामिल किया जाता है, जो कि अपने क्षेत्र में नेतृत्व करते हैं और सरकारी नीतियों को प्रदर्शित करते हैं। मंत्रिमंडल देश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है।
भारत में, मंत्रिमंडल को केंद्रीय मंत्रिमंडल भी कहा जाता है। इसमें प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाता है। प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल के नेता होते हैं और उन्हें अन्य मंत्रियों के साथ मिलकर सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रबंधन करने का अधिकार होता है।